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आठवां वेतन आयोग: केंद्र सरकार ने शुरू की प्रक्रिया
नई दिल्ली, 18 अप्रैल 2025: केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर प्रक्रिया को तेज कर दिया है। इस वर्ष जनवरी में आयोग के गठन की घोषणा के बाद अब वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने आयोग के कामकाज के लिए 35 पदों का विवरण जारी करते हुए प्रतिनियुक्ति के माध्यम से नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।
विभाग ने इसके लिए पांच वर्ष की एपीएआर रिपोर्ट और विजिलेंस क्लीयरेंस जैसे मानकों को भी अनिवार्य किया है। आयोग के गठन के साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वेतन आयोग की सिफारिशें निर्धारित समय के भीतर, यानी 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो जाएं।
जानकारों का कहना है कि यह भारतीय इतिहास में पहली बार होगा जब किसी वेतन आयोग का गठन, रिपोर्ट तैयार करना और सिफारिशों को लागू करने की प्रक्रिया 200 दिनों के भीतर पूरी होगी। अब तक हर वेतन आयोग को गठन से लेकर सिफारिशों के क्रियान्वयन तक लगभग दो से ढाई साल लगते रहे हैं।
चेयरमैन और सदस्यों की घोषणा शेष
हालांकि आयोग के चेयरमैन और सदस्यों के नामों की घोषणा अभी तक नहीं हुई है। 'टर्म ऑफ रेफरेंस' (ToR) भी घोषित नहीं किया गया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस माह के अंत तक इस संबंध में भी स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी। राष्ट्रीय परिषद-जेसीएम समेत विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 'टर्म ऑफ रेफरेंस' के लिए अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को भेज दी हैं।
वेतन ढांचा बदलाव की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, आठवें वेतन आयोग में सातवें वेतन आयोग के 'पे मेट्रिक्स' को ही आधार बनाया जाएगा, सिर्फ नए डेटा के अनुसार संशोधन किए जाएंगे। 'फिटमेंट फैक्टर' बढ़ाकर 2.0 किया जा सकता है, जिससे न्यूनतम वेतन 18 हजार से बढ़कर करीब 36 हजार रुपये तक पहुँचने की संभावना है। यदि फिटमेंट फैक्टर 1.9 रखा गया, तो यह न्यूनतम वेतन 34,200 रुपये हो सकता है।
एचआरए, टीए और कर्मचारियों के बीमा कवरेज जैसे भत्तों में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा, पे मेट्रिक्स के 18 स्तरों में से कुछ स्तरों को मर्ज करने पर भी विचार किया जा सकता है।
कम समय में रिकॉर्ड गठन संभव
कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन संशोधन का चक्र 10 साल के बजाय 5 साल होना चाहिए। मुद्रास्फीति और जीवन यापन लागत बढ़ने के कारण अब अधिक बार संशोधन की आवश्यकता है।
यादव ने यह भी बताया कि आज के डिजिटल युग में विभिन्न देशों की वेतन संरचनाओं का अध्ययन ऑनलाइन संभव हो गया है, जिससे आयोग को विदेश यात्राओं और समय लेने वाली प्रक्रियाओं की आवश्यकता नहीं होगी। इससे रिपोर्ट तैयार करने और उसे लागू करने में पहले के मुकाबले काफी कम समय लगेगा।
निष्कर्ष:
आठवें वेतन आयोग के गठन की दिशा में केंद्र सरकार का यह त्वरित कदम लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है तो 1 जनवरी 2026 से नए वेतनमान लागू कर दिए जाएंगे, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।