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चम्पावत: बहुउद्देश्यीय प्रा. कृषि ऋण सहकारी समिति दूबड़ में 81 लाख रुपये से अधिक का गबन, सचिव निलंबित
चम्पावत, 22 अप्रैल 2025
विकासखण्ड पाटी अंतर्गत बहुउद्देश्यीय प्रा. कृषि ऋण सहकारी समिति लि. (MPACS) दूबड़ में वित्तीय अनियमितताओं का गंभीर मामला सामने आया है। सहकारिता विभाग द्वारा कराई गई जांच में समिति के सचिव द्वारा ₹81,08,848 (इक्यासी लाख आठ हजार आठ सौ अड़तालीस रुपये) के गबन, अपहरण एवं वित्तीय कूटरचना की पुष्टि हुई है।
जिलाधिकारी नवनीत पांडे के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने कठोर कार्रवाई करते हुए दोषी सचिव को निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके विरुद्ध वसूली नोटिस जारी करते हुए एफआईआर (प्राथमिकी) दर्ज कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
घटना का विवरण:
जिला सहायक निबंधक, सहकारिता, चम्पावत द्वारा आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में दूबड़ समिति में हानि एवं खाता असंतुलन के संकेत मिलने पर व्यापक सत्यापन कराया गया। सत्यापन में प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितता और अभिलेखों में कूटरचना पाई गई।
इसके बाद 08 अगस्त 2024 को एक पाँच सदस्यीय जांच समिति गठित की गई, जिसने विस्तृत जांच के उपरांत 21 अप्रैल 2025 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि सचिव जय राम (वर्तमान में निलंबित) ने अपने कार्यकाल के दौरान गबन एवं वित्तीय फर्जीवाड़ा किया।
प्रशासन की सख्त कार्यवाही:
सचिव के विरुद्ध सेवा नियमों और सहकारी अधिनियम के तहत विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ।
वसूली के लिए नोटिस जारी।
आपराधिक प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश।
दोषी के विरुद्ध शून्य सहनशीलता नीति के तहत कठोरतम दंड की कार्यवाही।
जन सुनवाई एवं पारदर्शिता की पहल:
जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित विशेष जांच समिति ने 16, 17 एवं 18 अप्रैल को दूबड़ समिति कार्यालय में जनसुनवाई आयोजित की, जिसमें समिति सदस्यों, किसानों और हितग्राहियों से प्रत्यक्ष जानकारी ली गई। जांच रिपोर्ट में सचिव को दोषी ठहराते हुए तत्काल कार्यवाही के आदेश जारी किए गए हैं।
भविष्य के लिए सख्त दिशा-निर्देश:
जिलाधिकारी ने जिले की सभी सहकारी समितियों में वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने के लिए
नियमित लेखा परीक्षण,
कड़े निरीक्षण,
एवं सदस्य जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
प्रभाव:
इस प्रकरण से न केवल समिति की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, बल्कि किसानों एवं सदस्यों के बीच सहकारिता तंत्र में विश्वास भी डगमगाया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।